रामायण माहात्म्य


गोस्वामी तुलसीदासजी की संक्षिप्त जीवनी

भाग-१ (1) सूतजी की कथा, सूतजी और शौनकादि ऋषियों का संवाद  

भाग-२(2) सूतजी द्वारा श्रीराम नाम की महिमा का वर्णन 

भाग-३(3) सती का प्रश्न तथा उसके उत्तर में भगवान शिव द्वारा ज्ञान एवं नवधा भक्ति के स्वरुप का विवेचन

भाग-४(4) दंडकारण्य में शिव को श्रीराम के प्रति मस्तक झुकाते देख सती का मोह तथा शिव की आज्ञा से उनके द्वारा श्रीराम की परीक्षा

भाग-५(5) श्रीराम के द्वारा सती के मन का संदेह दूर करना, सती का शिव के द्वारा मानसिक त्याग

भाग-६(6) भगवान शिव द्वारा देवी सती को महाशिवरात्रि की पुण्य कथा सुनाना व उनके मन के संताप को दूर करना 

भाग-७(7) दक्ष द्वारा भगवान शिव को शाप देना तथा उसके उत्तर में नंदी का दक्ष समेत सभी ब्राह्मणों को शाप देना

भाग-८(8) दक्ष के द्वारा भगवान शिव के बिना यज्ञ का आयोजन करना तथा महर्षि दधीचि का दक्ष से शिव को बुलाने का आग्रह करना 

भाग-९(9) देवी सती का अपने पिता दक्ष के यज्ञ में जाने के लिए भगवान शिव से अनुरोध 

भाग-१०(10) दक्ष द्वारा देवी सती के सामने भगवान शिव का अपमान करना व सती का प्रतिउत्तर में क्रोध प्रकट कर अपनी देह की आहुति देना 

भाग-११(11) शिवगणों द्वारा भगवन शिव को देवी सती के आत्मदाह का वृतांत सुनाना तथा महादेव का अत्यंत क्रोधित होकर वीरभद्र और महाकाली को प्रकट करना 

भाग-१२(12) दक्ष का यज्ञ मंडप में भय और भगवान विष्णु से जीवन रक्षा की प्रार्थना 

भाग-१३(13) श्रीहरि और वीरभद्र का युद्ध तथा वीरभद्र द्वारा दक्ष का सिर काटकर यज्ञ कुंड में डालना

भाग-१४(14) दधीचि और राजा क्षुव विवाद, शुक्राचार्य द्वारा दधीचि को महामृत्युंजय मंत्र प्रदान करना

भाग-१५(15) दधीचि का भगवान विष्णु को श्राप देना व क्षुव को क्षमा करना

भाग-१६(16) ब्रह्माजी, श्री हरी तथा देवताओं का कैलाश पर जाकर महादेव से क्षमा याचना करना 

भाग-१७(17) भगवान शिव का दक्ष को प्राण दान देना तथा दक्ष द्वारा शिव इच्छा से यज्ञ को पूर्ण करवाना 

भाग-१८(18) हिमालय और देवी मैना का विवाह तथा मैना की पूर्व कथा का वर्णन 

भाग-१९(19) हिमालय सहित सभी देवताओं का देवी जगदम्बिका के पास जाकर प्रार्थना करना 

भाग-२०(20) मैना-हिमालय का तप व वरदान प्राप्त

भाग-२१(21) देवी जगदम्बा का जन्म तथा नारदजी का पार्वती को शिव तपस्या के लिए प्रेरित करना 

भाग-२२(22) पार्वती का अपनी माता मैना को समझाना तथा पृथ्वीपुत्र भौम (मंगल गृह) का जन्म

भाग-२३(23) भगवान शिव की गंगावतरण तीर्थ में तपस्या तथा पार्वती को सेवा में रखने के लिए हिमालय का शिव को मनाना

भाग-२४(24) माता पार्वती द्वारा तपस्यारत भगवान शिव की सेवा करना तथा तारकासुर के आतंक से भयभीत देवताओं का कामदेव को शिव तपस्या भंग करने के लिए आग्रह करना

भाग-२५ (25) भगवान शिव के तीसरे नेत्र की अग्नि से कामदेव का भस्म होना

भाग-२६(26) नारद का देवी पार्वती को पंचाक्षरी मंत्र की दीक्षा देकर उन्हें शिव तप के लिए प्रेरित करना

भाग-२७(27) देवी पार्वती का कठोर तप तथा देवताओं का भगवन शिव के पास जाना

भाग-२८(28) देवताओं का भगवान शिव को देवी पार्वती से विवाह के लिए अनुरोध करना

भाग-२९(29) भगवान शिव के आदेश पर सप्तऋषियों द्वारा देवी पार्वती की परीक्षा लेना

भाग-३०(30) शिवजी द्वारा पार्वती जी की तपस्या की परीक्षा करना

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