भाग-१(1) वाली और सुग्रीव की जन्म कथा
भाग-२(2) मातंग मुनि द्वारा पुंजिकस्थला को शाप देना तथा इंद्र का पवन देव को स्वर्ग से निष्कासित करना
भाग-३(3) पुंजिकस्थला और राजा केसरी को मिला वानर बनने का शाप
भाग-४(4) अगस्त्य मुनि द्वारा श्रीराम को हनुमानजी के जन्म का रहस्य बताना
भाग-५(5) इंद्र के वज्र से मारुति का मूर्छित होना तथा वायुदेव के कोप से संसार के प्राणियों को कष्ट
भाग-७(7) ऋषि ऋतिकध्वज के शाप से विश्वकर्मा देव का वानर बनना
भाग-८(8) चित्रांगदा और राजा सूरत का पुनर्मिलन तथा विश्वकर्मा देव की स्मरण शक्ति का लौटना
भाग-१०(10) अपने गुरु सूर्यदेव की आज्ञा से हनुमानजी का शनिदेव के अहंकार को चूर करना
इति श्रीमद् राम कथा श्रीहनुमान चरित्र अध्याय-४ सम्पूर्ण !
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