श्रीहनुमान चरित्र

भाग-१(1) वाली और सुग्रीव की जन्म कथा

भाग-२(2) मातंग मुनि द्वारा पुंजिकस्थला को शाप देना तथा इंद्र का पवन देव को स्वर्ग से निष्कासित करना 

भाग-३(3) पुंजिकस्थला और राजा केसरी को मिला वानर बनने का शाप 

भाग-४(4) अगस्त्य मुनि द्वारा श्रीराम को हनुमानजी के जन्म का रहस्य बताना

भाग-५(5) इंद्र के वज्र से मारुति का मूर्छित होना तथा वायुदेव के कोप से संसार के प्राणियों को कष्ट

भाग-६(6) ब्रह्मादि देवताओं का मारुति को वरदान देना तथा ऋषियों के शाप से हनुमानजी को अपने बल कि विस्मृति होना

भाग-७(7) ऋषि ऋतिकध्वज के शाप से विश्वकर्मा देव का वानर बनना 

भाग-८(8) चित्रांगदा और राजा सूरत का पुनर्मिलन तथा विश्वकर्मा देव की स्मरण शक्ति का लौटना

भाग-९(9) नल और नील का जन्म, विश्वकर्मा की शाप से मुक्ति तथा भगवान सूर्य का अपने शिष्य हनुमान से दक्षिणा मांगना

भाग-१०(10) अपने गुरु सूर्यदेव की आज्ञा से हनुमानजी का शनिदेव के अहंकार को चूर करना

इति श्रीमद् राम कथा श्रीहनुमान चरित्र अध्याय-४ सम्पूर्ण !

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