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भाग-३१(31) राजा हरिश्चंद्र को राज्य तथा विश्वामित्र को ब्रह्मर्षि पद की प्राप्ति

भाग-३२(32) राजा हरिश्चंद्र का पुत्र-मोह तथा महाप्रतापी राजा सगर की कथा 

भाग-३३(33) सगर के पुत्रों का पृथ्वी को खोदते हुए कपिलजी के पास पहुँचना और उनके रोष से जलकर भस्म होना

भाग-३४(34) सगर की आज्ञा से अंशुमान का रसातल में जाकर घोड़े को ले आना और अपने चाचाओं के निधन का समाचार सुनाना

भाग-३५(35) अंशुमान और भगीरथकी तपस्या, ब्रह्माजीका भगीरथको अभीष्ट वर देना 

भाग-३६(36) भगीरथ की तपस्या से पृथ्वी पर गंगावतरण तथा गंगा का भगीरथ के साथ जाकर उनके पितरों का उद्धार करना

भाग-३७(37) ब्रह्माजी की आज्ञा से भगीरथ का गंगाजल से अपने पितरों का तर्पण करना 

भाग-३८(38) राजा सौदास तथा खट्वांग आदि की कथा 

भाग-३९(39) राजा दशरथ तथा श्रवण कुमार के जन्म की कथा 

भाग-४०(40) मुनि वशिष्ठ ने बताया श्रवण कुमार को उसके माता पिता के अंधे होने का कारण

भाग-४१(41) दशरथ के हाथों श्रवण कुमार की हत्या तथा विलाप करते हुए माता-पिता का दशरथ को शाप देना 

भाग-४२(42) राजा दशरथ और शम्बरासुर का युद्ध तथा सारथी बनी कैकई को राजा द्वारा दो वरदान देने का वचन देना

भाग-४३(43) इक्ष्वाकु पुत्र राजा निमि की कथा एवं निमि का वशिष्ठ से द्रोह 

भाग-४४(44) वसिष्ठ का नूतन शरीर धारण और निमि का प्राणियों के नयनों में निवास तथा निमि वंश के शेष राजाओं का वर्णन 

भाग-४५(45) भगवान परशुराम और सहस्रबाहु की कथा 

भाग-४६(46) परशुराम जी के द्वारा क्षत्रिय संहार

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इति श्रीमद् राम कथा वंश चरित्र अध्याय-२ सम्पूर्ण !


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